दूरसंचार विभाग ने धोखाधड़ी भरे अंतरराष्ट्रीय कॉल्स से निपटने के लिए नई प्रणाली की शुरुआत की, टेलीकॉम कंपनियों के साथ सहयोग
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2024: दूरसंचार विभाग (DoT) ने Fraudulent International Calls से निपटने के लिए एक नई प्रणाली की शुरुआत की है। यह कदम 6 अक्टूबर 2024 को उठाया गया। इस प्रणाली को विकसित करने के लिए DoT ने प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम किया है। इसका उद्देश्य अवैध और फर्जी कॉल्स को रोकना है, जो अक्सर भारतीय उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए की जाती हैं।
प्रणाली की विशेषताएँ
नई प्रणाली विशेष रूप से Fraudulent International Calls की निगरानी और पहचान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली फर्जी कॉल्स को तुरंत पहचानने और उन्हें ब्लॉक करने में सक्षम है। अक्सर, ये कॉल्स वैध दिखने के लिए भारतीय नंबरों का उपयोग करती हैं, लेकिन वे वास्तव में विदेश से की जाती हैं। यह प्रणाली ऐसे नंबरों का पता लगाती है और उन्हें ब्लॉक करती है।
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इससे पहले, Fraudulent International Calls का शिकार कई भारतीय उपभोक्ता हो चुके हैं। ये कॉल्स बैंकिंग धोखाधड़ी, व्यक्तिगत जानकारी की चोरी और अन्य तरह की साइबर क्राइम से जुड़ी होती हैं। नई प्रणाली इन खतरों से उपभोक्ताओं की रक्षा करेगी और उन्हें सुरक्षित टेलीकॉम सेवाएँ प्रदान करेगी।
टेलीकॉम कंपनियों का योगदान
DoT ने इस पहल में एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, जियो और बीएसएनएल जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों का सहयोग लिया है। ये कंपनियाँ अपने नेटवर्क में नई तकनीकों का उपयोग कर रही हैं, जो कि इस प्रणाली के साथ जुड़ी हैं। कंपनियों ने यह सुनिश्चित किया है कि जब भी कोई Fraudulent International Calls आएगा, उसे तुरंत ब्लॉक किया जाएगा।
टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार, इस प्रणाली को लागू करने में कुछ तकनीकी चुनौतियाँ आईं, लेकिन उनका समाधान किया गया है। इस प्रणाली को तेजी से लागू किया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा मिल सके।
उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद
इस नई प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि उपभोक्ता धोखाधड़ी भरे कॉल्स से बच पाएंगे। खासकर, वृद्ध और ग्रामीण क्षेत्र के लोग, जो आमतौर पर ऐसे कॉल्स का शिकार बनते हैं, अब सुरक्षित रहेंगे। यह प्रणाली उन कॉल्स को भी रोकेगी जो स्पैम या मार्केटिंग के नाम पर किए जाते हैं।
DoT का मानना है कि इस कदम से भारतीय टेलीकॉम उद्योग में विश्वास और बढ़ेगा। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी मानसिक शांति मिलेगी कि उनके डेटा और जानकारी सुरक्षित हैं।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य इस प्रणाली के माध्यम से देशभर में होने वाले टेलीकॉम फ्रॉड को कम करना है। धोखाधड़ी भरे कॉल्स की संख्या में पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी देखी गई है। सरकार चाहती है कि उपभोक्ता बिना किसी चिंता के टेलीकॉम सेवाओं का उपयोग कर सकें। इस पहल के जरिए DoT न केवल भारतीय उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी मजबूत कर रहा है।
प्रणाली कैसे काम करती है?
यह प्रणाली कॉल डेटा का विश्लेषण करती है और संदिग्ध कॉल्स की पहचान करती है। यदि कोई कॉल वैध भारतीय नंबर से आ रहा है लेकिन वास्तव में विदेश से किया जा रहा है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियाँ उन्नत सॉफ्टवेयर और नेटवर्क सुरक्षा उपायों का उपयोग कर रही हैं।
इसके अलावा, यदि कोई उपभोक्ता फिर भी किसी संदिग्ध कॉल का सामना करता है, तो वह इसकी रिपोर्ट कर सकता है। रिपोर्ट की गई कॉल्स की जांच की जाती है और भविष्य में उन्हें ब्लॉक किया जाता है।
भविष्य की योजनाएँ
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में इस प्रणाली को और भी उन्नत बनाया जाए। भविष्य में यह प्रणाली 5जी नेटवर्क पर भी काम करेगी, जिससे और अधिक सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। इसके अलावा, सरकार अन्य देशों के साथ भी इस मामले में सहयोग करने की योजना बना रही है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी भरे कॉल्स का मुकाबला किया जा सके।
निष्कर्ष
दूरसंचार विभाग द्वारा शुरू की गई यह नई प्रणाली भारत में टेलीकॉम Fraudulent International Calls को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। टेलीकॉम कंपनियों के सहयोग से यह प्रणाली उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव प्रदान करेगी और उन्हें धोखाधड़ी भरे कॉल्स से बचाएगी। इस कदम से न केवल उपभोक्ता सुरक्षित रहेंगे, बल्कि टेलीकॉम उद्योग में भी स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा।